आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं कल फिर से "मेरी प्यारी संगिनी। आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं कल फिर से "मेरी प्यारी संगिनी।
आज के लिए बस इतना ही, मिलती हूँ कल फिर से, मेरी "प्यारी संगिनी"। आज के लिए बस इतना ही, मिलती हूँ कल फिर से, मेरी "प्यारी संगिनी"।
आज के लिए बस इतना ही, मिलती हूँ कल फिर से, मेरी "प्यारी संगिनी" आज के लिए बस इतना ही, मिलती हूँ कल फिर से, मेरी "प्यारी संगिनी"
अकबर ने तुम्हें मारा, तुम मुझे क्यों मारते हो ? अकबर ने तुम्हें मारा, तुम मुझे क्यों मारते हो ?
और नौटंकी-नौटंकी, क्या है ये नौटंकी? ये एक कला है, जिसे अभिनय कहते हैं। और नौटंकी-नौटंकी, क्या है ये नौटंकी? ये एक कला है, जिसे अभिनय कहते हैं।
पर हाँ, घर के पुरुषों के सामने मुझे अब भी डर लगता था ! पर हाँ, घर के पुरुषों के सामने मुझे अब भी डर लगता था !